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ED Raid: चिराग पासवान के करीबी हुलास पांडे पर ED का शिकंजा, तीन जगहों पर छापेमारी

ED Raid: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 27 दिसंबर को देश के विभिन्न हिस्सों में छापेमारी शुरू की। बिहार के जाने-माने पूर्व विधायक और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता हुलास पांडे के ठिकानों पर भी छापेमारी की जा रही है। यह कार्रवाई उनके पटना स्थित दो और बेंगलुरु स्थित एक ठिकाने पर हो रही है। सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के मामले में की जा रही है। हुलास पांडे केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के करीबी माने जाते हैं, जिसके चलते इसे बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है।

क्यों हो रही है हुलास पांडे पर कार्रवाई?

ED ने पटना के गोलारोड और बोरिंग रोड स्थित हुलास पांडे के कार्यालयों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई अवैध बालू खनन के मामले में की जा रही है। यह मामला आदित्य मल्टीकॉम कंपनी और ब्रॉडसन से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा, हुलास पांडे का नाम कभी रणवीर सेना के प्रमुख ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या से भी जोड़ा गया था। पुलिस चार्जशीट में उन्हें मुख्य साजिशकर्ता बताया गया था।

हुलास पांडे का राजनीतिक संबंध

हुलास पांडे पूर्व जनता दल यूनाइटेड (JDU) विधायक सुनील पांडे के भाई हैं। सुनील पांडे के बेटे प्रशांत तरारी भाजपा के विधायक हैं। कहा जाता है कि प्रशांत की जीत सुनिश्चित करने के लिए हुलास पांडे ने काफी प्रचार किया था। हुलास पांडे को चिराग पासवान का करीबी माना जाता है और वे LJP (रामविलास) के सक्रिय नेता हैं।

अवैध बालू खनन का मामला

यह मामला अवैध बालू खनन से जुड़ा हुआ है। आदित्य मल्टीकॉम और ब्रॉडसन कंपनियों के नाम पर अवैध तरीके से बालू खनन और संपत्ति अर्जित करने के आरोप लगे हैं। आरोप है कि इन कंपनियों के जरिए सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया गया। इस मामले में ED ने पहले भी कई लोगों पर कार्रवाई की है।

ED Raid: चिराग पासवान के करीबी हुलास पांडे पर ED का शिकंजा, तीन जगहों पर छापेमारी

मध्य प्रदेश में भी ED की कार्रवाई

बिहार के अलावा, प्रवर्तन निदेशालय ने मध्य प्रदेश में भी बड़ी कार्रवाई की है। यह कार्रवाई परिवहन विभाग के एक पूर्व अधिकारी के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत की गई है। इस अधिकारी पर आय से अधिक संपत्ति के आरोप में लोकायुक्त पुलिस ने हाल ही में छापा मारा था।

MP में कहां-कहां हुई छापेमारी?

मध्य प्रदेश के भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में पांच से छह ठिकानों पर छापेमारी की गई। ये ठिकाने सौरभ शर्मा के परिवार और सहयोगियों से जुड़े बताए जा रहे हैं। ED ने इस दौरान एक परित्यक्त SUV से 40 करोड़ रुपये की नकदी और सोना बरामद करने के मामले की भी जांच शुरू की है।

हुलास पांडे और उनके परिवार की भूमिका

हुलास पांडे और उनके परिवार पर पहले भी गंभीर आरोप लग चुके हैं। चाहे वह रणवीर सेना प्रमुख की हत्या का मामला हो या अवैध बालू खनन का, उनके खिलाफ कई बार जांच बैठाई गई है। उनके भाई सुनील पांडे और भतीजे प्रशांत तरारी भी राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय हैं।

राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव

हुलास पांडे पर की जा रही कार्रवाई को राजनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से बड़ा कदम माना जा रहा है। चिराग पासवान के करीबी होने के कारण, यह कार्रवाई केंद्र और राज्य की राजनीति में चर्चा का विषय बन गई है।

प्रवर्तन निदेशालय की यह कार्रवाई अवैध संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में सरकार की सख्ती को दर्शाती है। हुलास पांडे के मामले ने न केवल बिहार बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी आर्थिक अपराधों पर लगाम लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस जांच का आगे क्या परिणाम निकलता है और इसमें कितने और लोग शामिल पाए जाते हैं।

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